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जीने का उसूल
संगीत - श्रवण
संत
हर सांझ को पन्द्रह मिनट शांतिप्रधान संगीत सुनिए, दिन भर की मानसिक बोझिलता को दूर करने में वह चमत्कारी सहयोग करेगा ।
जो अन्त से पहले अनन्त को खोज लेता है, वही संत है।
संत और नदी
संत का जीवन नदी की तरह होता है, जो परोपकार के उद्देश्य से नहीं बहती, फिर भी उससे अनन्त लोगों का उपकार होता है।
संत और मस्ती
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संत वह नहीं है जो औरों को प्रेरणाएँ देता रहे, वरन् संत वह है जो स्वयं की मस्ती में जिए ।
सन्तुलन
मानसिक सन्तुलन के अभाव में सही व्यवहार की आशा
नहीं की जा सकती ।
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