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जीने का उसूल
लुभाना
फूल तो बगिया के सारे ही सुन्दर होते हैं, पर मन को कोईसा ही लुभाता है।
लेखन-सुख
नवोदित लेखक को उस समय सर्वाधिक सुख मिलता है, जब वह अपनी रचना को छपी हुई निहारता है।
लोभ
मल शरीर का कल्प है और लोभ मन का। शरीर के कब्ज़ को दूर करने के लिए त्रिफला लीजिए और मन के कब्ज़ को दूर करने के लिए उदारता का गुण अपनाइये।
वचन
एक वचन भी कभी-कभी किसी विशद शास्त्र के उद्देश्य की आपूर्ति कर दिया करता है।
वचनवीर
बातों के बहादुर उस समय घबराने लगते हैं जब उनके कणभर आचरण की पड़ताल की जाती है।
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