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जीने का उसूल
वाणी - माधुर्य
जो काम अपनी दादागिरी से भी पूरा न हो पाए, वह वाणी से सम्भव हो सकता है ।
की
मधुरता
वाणी-व्यवहार
वाणी ऐसी बोलिए कि जो चाँदनी की तरह सबके दिलों को शीतलता प्रदान करे ।
वापसी
इस हाथ का दिया हुआ कभी-न-कभी उस हाथ में वापस लौट आता है।
वासना
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ऐसे लोग विरले हैं, जिनके मन में वासना की तरंग ही नहीं उठती।
वासना और प्रेम
जिस प्रेम में वासना है, वह प्रेम की विकृति है । स्वार्थ और वासना - रहित प्रेम संसार का सर्वश्रेष्ठ धर्म है।
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