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जीने का उसूल
वृद्ध और युवा
वृद्ध व्यक्ति भी युवा रह सकता है बशर्ते उसका हृदय युवा
हो ।
वृद्ध-सेवा
यदि आप चाहते हैं कि बुढ़ापे में आपके बच्चे भी आपकी सेवा करें, तो कृपया आप भी अपने बूढ़े माता-पिता की सेवा का पुण्य कमाएँ ।
वेश - परिवर्तन
वे
बदलने मात्र से यदि भगवान मिल सकते हों, तो हम अपनी खाल नुचवाने को भी तैयार है ।
वेश्यालय
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वेश्यालय वह नरक है, जिसका निर्माण पुरुष की कमजोरी ने किया है।
वैर-विरोध
हर व्यक्ति मधुमक्खी का छत्ता है। यदि आप उससे शहद पाना चाहते हैं, तो कृपया भूलकर भी उस पर डंडा न मारें ।
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