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जीने का उसूल विचार-फल
गलत-विचार शुरू में भी दु:ख देते हैं, और फलीभूत होने पर भी, जबकि अच्छे विचार शुरू में भी सुख देते हैं और फलीभूत होने पर भी।
विचार-स्वतन्त्रता
जो विचारों की स्वतन्त्रता के पक्षधर हैं, वे पैसे वालों की पहुँच से दूर रहें।
विद्वान्
विद्वान् ऐसा चम्मच है, जो हलुवे में जाकर भी कोरा ही रहता है।
विध्वंस
जो अपनी छवि नहीं बना सकता, वह दूसरों की छवि बिगाड़ने में तत्पर रहता है।
विपर्यय
उल्टे घड़े पर सात समुन्दर पानी उड़ेल देने पर भी वह रीता ही रहेगा।
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