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जीने का उसूल
वधू
जो लोग अपनी बहू को प्रताड़ित करते हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी बेटी भी किसी घर की बहू है।
वरण-हरण
अंगुलियों का कोमल स्पर्श किसी को प्राण-दान कर सकता है, वहीं उनका दबाव किसी के प्राणों के हरण का कारण भी बनता है।
वाक्य
मुँह से निकला हुआ वाक्य रिश्तों में दरार भी डाल सकता है, और इतिहास को नई दिशा भी दे सकता है।
वाचालता
वाचालता को सही दिशा मिल जाये, तो वही भाषण बन जाती है।
वाणी-नियंत्रण
वाणी पर इतना नियंत्रण अवश्य हो कि मन का हर शब्द होठों तक न आने पाए।
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