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जीने का उसूल
मौन
बोलने में यदि सात गुण हैं, तो न बोलने में नौ गुण हैं।
मौन और मुक्ति
वाणी के विराम से मौन की शुरूआत होती है, पर सच्चा मौन तो तभी है जब मन की चंचलता से मुक्ति मिले।
यांत्रिकी
हम यांत्रिकी का उपकार मानते हैं, जिसने कृषि में पशुओं के उत्पीड़न को बहुत कम कर दिया है।
युगधर्म
वह धर्म दुनिया का साथ कैसे निभाएगा, जो हवाओं के साथ बात करते ज़माने को पैदल चलने की सलाह देता है।
युग-विकास
युग के विकास के लिए उसका संस्कारित और समृद्ध होना आवश्यक है।
युद्ध
युद्ध के मैदान में जलने वाली मशालों से ज्योति कम किन्तु धुंआ ज्यादा उठता है।
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