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जीने का उसूल मानवीय सहयोग __ अपनी आमदनी का ढाई प्रतिशत मानवता के लिए निकालिए, आप मानवता के ऋण से उऋण हो जाएँगे।
माफ़ी
बुजुर्ग तुमसे माफ़ी माँगे, यह तुम्हारे लिए शर्म की बात है।
माल-मालिक
उम्रभर बटोरा हुआ माल उस समय व्यर्थ हो जाता है, जब उसका मालिक दुनिया से विदा हो जाता है।
मिज़ाज़
कड़क मिजाज भी सहा जा सकता है, बशर्ते उसकी अन्तरभावना सख़्त नारियल के बीच भी गिरी की तरह स्वच्छनिर्मल हो।
मिठास
जो काम मिठास से निपट सकता है, उसके लिए हो हल्ला क्यों किया जाए? ताला खोलने के लिए चाबी का उपयोग कीजिए, हथौड़े का नहीं।
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