________________
८०
जीने का उसूल
मनःशान्ति
कुछ भी पास नहीं, पर मन में शान्ति है, तो सब कुछ है। वहीं यदि जीवन में शान्ति नहीं, तो कुछ भी नहीं है।
मन:स्थिरता
मन का भटकाव मिटाने के लिए उसे ईश्वरीय चेतना में एकलय कीजिए।
मनस्-तमस्
___ मन का तमोगुण बाहरी दुनिया को भी विकृत कर डालता
मनोभाव
मन के भाव जब मुँह से व्यक्त नहीं हो पाते, तो आँखों से मुखर हो उठते हैं।
मन्दिर
मन्दिर मानवता का सन्देश देने वाले आध्यात्मिक प्रतीक
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org