________________
जीने का उसूल
बात
अपनी बात अवश्य कहिए, पर किसी भी बात को इतना बढ़ा-चढ़ा कर भी पेश मत करिये कि आप अपने मुँह अपनी क्षुद्रता सिद्ध कर बैठे।
बारहखड़ी
आप बारहखड़ी का भी सम्मान कीजिए, क्योंकि वह ज्ञान की पहली सीढ़ी है।
बारात
बारात की कीमत तब तक रहती है, जब तक फेरे न पढ़ें।
बालजगत्
बच्चों की दुनिया इसलिए पवित्र है, क्योंकि उनमें सरलता और सहजता होती है।
बाल-वृद्ध
बूढ़े जब बच्चों-सी हरकत करने लगें तो बच्चों को कैसे डाँट पिलाएँ?
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org