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जीने का उसूल
बाह्याचार
बिम्ब-प्रतिबिम्ब
बुजुर्ग
बालों के लुंचन मात्र से अगर आत्म-दर्शन होता हो, तो लोग अपनी खाल नुचवाने को तैयार हो जाएँगे ।
बुढ़ापा
बेड़ी
बिम्ब को उस समय हीनता अनुभव होती है, जब वह प्रतिबिम्ब से ज्यादा मूल्यवान बन जाता है।
बुढ़ापा जीर्ण-शीर्ण जिल्द वाली किताब है ।
बुद्धि-विस्तार
बुजुर्ग व्यक्ति घर का रोशनदान है। कृपया उसकी अवहेलना मत कीजिए ।
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जिसकी बुद्धि जितनी विशाल है, उसका ब्रह्माण्ड उतना ही बड़ा है।
बेड लोहे की हो या सोने की, बन्धन ही कहलाएगी।
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