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जीने का उसूल प्रायश्चित
भूलों का प्रायश्चित हो जाए, तो काँटों से भी फूलों को सँवारा जा सकता है।
प्रार्थना
प्रार्थना की लौ इतनी निष्कम्प हो कि कोई भी बाधा उसे बुझा न सके। सच्चे हृदय से की गई प्रार्थना अवश्य पूरी होती है।
प्रार्थना
मेरे प्रभु, मुझे ऐसा वर दे कि मेरे समस्त कर्म तुझे समर्पित रहें और मेरा सभी कुछ तुझे प्रतिबिम्बित करे।
प्रार्थना और कृतज्ञता
प्रार्थना, जो कुछ प्राप्त हुआ है, उसके लिए कृतज्ञता है और जो प्राप्त नहीं हुआ है, उसके लिए पुकार है।
प्रार्थना-परिणति
प्रार्थना से मन की शान्ति और हृदय की निर्मलता उपलब्ध होती है।
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