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जीने का उसूल पतित
पतित वे नहीं हैं, जो गढ्ढे में गिरे पड़े हैं, वरन् वे हैं जो शिखर के समीप पहुँच कर भी फिसल जाते हैं।
पति-पत्नी
पत्नी की उपेक्षा करने वाले पति, तब पत्नी के आश्रित हो जाते हैं, जब प्रकृति उन्हें लाचार बना देती है।
पत्नी
पत्नी का अर्थ वासना की आपूर्ति नहीं, जीवन के सुखदु:ख की सहचारिता है।
पत्नी और विधवा
नारी का विधवा होना दुर्भाग्य है, पर दसों का घर उजाड़ने वाले पति की पत्नी होने से विधवा होना बेहतर है।
पत्नी-वियोग
पत्नी के चले जाने के बाद पति स्टेशन पर खड़ा मुसाफिर है, जिसकी गाड़ी छूट गयी और हाथ में स्मृति लिए सिर्फ एक टिकट रह गया।
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