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जीने का उसूल नींव
भवन उन्हीं पत्थरों के बल खड़ा होता है, जो नींव में शहीद होते हैं।
नेकी
दूसरों की नेकी का सम्मान करना नेकी को जीने का पहला मंत्र है।
नैवेद्य
तुम्हारे चरणों में मैं अपने गर्व का नैवेद्य चढ़ाता हूँ। हे प्रभु! तुम इसे अपनी विनम्रता में समाहित कर लो।
पंडित और प्रज्ञावान
पंडित बनना है तो किताबें पढ़ो, प्रज्ञावान बनना है तो तत्त्वचिंतन करो।
पछताना
गलती का अहसास होने पर पछताना आम बात है। आप पहले से ही जागरूकता रखिए ताकि न तो गलती हो और न पछताना पड़े।
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