Book Title: Jine ke Usul
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation
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५६
पराजय-विजय
परामर्श
1
जिसे लगता है कि वह हार सकता है, वह निश्चय ही पराजित होगा। जिसे विश्वास है कि वह जीतेगा, तो निश्चय ही वह विजेता होगा । कमजोर मन ही पराजय का कारण है, जब कि सुदृढ़ मन ही सफलता का द्वार खोलता है ।
परिपक्वता
पर्व
किसी से परामर्श न लें, अगर लें तो उसका पालन करें।
परिवर्तन
जीने का उसूल
ज्यों-ज्यों परिपक्वता आती है, कठिनाइयाँ कम होती जाती हैं।
आईनों को बदलने से चेहरा नहीं बदलता, चेहरे को बदलने से आईना खुद बदल जाता है।
1
पर्व गरीबों को सुख देता है, अमीरों के लिए तो हर दिन पर्व
है।
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