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जीने का उसूल पितृ-कामना
हर पिता हमेशा एक ही कामना करे कि उसके खून में कभी बँटवारा न हो।
पितृ-दायित्व
तुम एक ऐसे पिता बनो कि अपनी सन्तति को सम्पत्ति ही नहीं बल्कि अच्छे संस्कार भी दे जाओ।
पीहर
पत्नी पति की लात सह सकती है, पर पीहर की बात नहीं।
पुरुष और स्त्री
क्या आपको पता है कि पुरुष के मन में हर समय क्या रहता है? उत्तर है-‘एक सुन्दर स्त्री'।
पुत्री-जन्म
जो अपने घर में लड़की का जन्म नहीं होने देते, वे अपने घर में बहू लाने से वंचित रह सकते हैं।
पुण्य
पुण्य भले ही पुत्र के हों, पिता तो उस पर अपनी ही मुहर लगाना चाहेगा।
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