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जीने का उसूल नारी
नारी को नकारा चीज समझकर उसके साथ अभद्र व्यवहार करना मनुष्य का पिछड़ापन है।
नारी-आकर्षण
नारी के पास उसका शरीर वह आकर्षण है, जिसके सामने वह हर आकर्षण को निस्तेज कर देती है।
नारी और स्वर्ग
नारी! तुम प्रेम, त्याग और सौहार्द की वह प्रतिमूर्ति बनो कि ___ तुम जहाँ भी रहो, तुम्हारे पति को वहीं स्वर्ग नजर आए।
नारी-धर्म
नारी को मानवता की सेवा करनी चाहिए। सेवा ऐसी हो, जिसमें प्रेम, दया और क्षमा की आभा हो।
नारी-प्रेम
नारी प्रेम की प्यासी है, स्वामित्व की नहीं। यदि उसे प्रेम का स्पर्श मिलता रहे, तो वह सौ मुसीबतों को भी झेल जाएगी।
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