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जीने का उसूल
नारी-मातृत्व
हर नारी से माँ की ममता पायी जा सकती है, बशर्ते हमारे भीतर पुत्र होने की भावना हो।
नारी-शोषण
नारी यदि नारी का शोषण करना बंद कर दे, तो नारी अकेले अपने बल पर विश्व का मानचित्र बदल सकती है।
निजानन्द
सभी रस, सरस हैं, पर निजानन्द के सामने सारे रस नीरस हैं।
निन्दा-प्रशंसा
पीठ पर लाठी मारने वाले अक्सर मुँह पर तारीफ़ करते हैं।
निन्दा-प्रशंसा
दूसरों की निन्दा या प्रशंसा करने वाले एक अंगुली दूसरों की तरफ़ करते हैं और तीन अंगुली अपनी तरफ़। फ़र्क केवल इतना ही है कि एक में तीन गुना नुकसान है और दूसरे में तीन गुना फायदा है। जरा सोचिए, हम फायदे वाला काम करेंगे या घाटे वाला?
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