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जीने का उसूल
नज़ारा
शिखर पर चढ़ने में श्रम तो अवश्य होगा, परन्तु सही नजारा तो वहीं से नजर आएगा।
नमन
अब तक नमन औरों को किया, अब एक नमन अपने आपको कीजिए। आप ईश्वरीय शक्ति से जुड़ जाएँगे।
नरक-स्वर्ग
नरक तो आलसी और अशान्त लोगों के लिए है। उद्यमी पुरुष यदि नरक में भी चला जाए, तो वहाँ भी वह स्वर्ग बना लेगा।
नाता
सदा मैं ही तुम्हारी पहचान क्यों हूँ ? एक बार तुम्ही बता दो कि मैं तुम्हारे क्या लगता हूँ?
नामगिरी
नाम की भूख वह लू है, जिससे सिद्धि का फूल मुरझा जाता है।
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