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जीने का उसूल कर्तव्य
हर कर्तव्य का हम वैसा ही निर्वाह करें, जैसे किसी देवदूत का सम्मान करते हैं।
कर्त्तव्य-चूक
कर्त्तव्य-मार्ग से चूकना स्वयं की पराजय है। आप कर्त्तव्य का पालन कीजिए, विजय आपकी होगी।
कर्त्तव्य-बोध
जीवन में भावना का क्षेत्र सत्तर प्रतिशत है, पर कर्त्तव्य के लिए भावना पर भी विजय पा लेनी चाहिए।
कर्मयोग
पहले 'क' आता है, फिर 'ख'। पहले करें, फिर खाएँ। कर्मयोग से जी न चुराएँ।
कला-मूल्य
दस पैसे का पत्थर भी अगर कलाकार की कला से छू जाए, तो वही लाखों में बिक जाता है।
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