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जीने का उसूल जीवन-उत्सव
जीवन को उत्सव मानकर जिएँ, भले ही हमें मुसीबतों का भी सामना क्यों न करना पड़े।
जीवन-दर्पण
जीवन दर्पण की तरह है। यह हमें उससे अधिक प्रतिबिम्बित नहीं कर सकता, जितने हम हैं।
जीवन-दृष्टि
गधे की तरह दस हजार वर्ष जीने के बजाय चौबीस घंटे का सिंह-जीवन अधिक गौरवपूर्ण है।
जीवन-मूल्य
जीवन का सदा उपयोग करते रहिए। यह संसार की सर्वाधिक मूल्यवान वस्तु है।
जीवन-स्वास्थ्य
स्वास्थ्य ही जीवन का सबसे ऊँचा धन है जबकि जीवन शरीर तथा आत्मा का स्वस्थ संतुलन है।
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