________________
जीने का उसूल
टकराहट
टिप्पणी
डर
ढोंगी
ताली दो हाथों के टकराने से ही बजती है। आप कृपया
दूसरा हाथ न बनें।
ढहना
विचार पर टिप्पणी करना चिन्तन है, किन्तु व्यक्ति पर की जाने वाली टिप्पणी निन्दा - दोष का भागी बनना है।
३५
किसी के नाराज होने के डर से सच्चाई पर पर्दा नहीं डाला जाना चाहिए ।
जिस महल के निर्माण में दस वर्ष लगे, उसे ढहते दस मिनट भी नहीं लगते ।
Gift व्यक्ति के प्रति श्रद्धा नहीं रखनी चाहिए, फिर चाहे वह हमारा गुरु भी क्यों न रहा हो ।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org