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२८
गुलाम
गुस्सा
गुलाम वह नहीं है जो बाजार से खरीदा गया हो । गुलाम वह है जो दुर्बलता और बुरी आदतों का शिकार हो ।
सावधान! दो मिनट का गुस्सा जीवनभर की मित्रता को नष्ट कर सकता है।
गृह- मर्यादा
घर के लिए मर्यादा और पवित्रता उतनी ही आवश्यक है, जितनी किसी मंदिर के लिए आवश्यक होती है।
गृहस्थ
जीने का उसूल
गृहस्थ वह नहीं है, जो घर में रहता है। गृहस्थ वह है, जिसके मन में घर रहता है ।
गृहस्थ-साधु
गृहस्थ का पाँव टिका रहता है, मन नहीं । साधु का मन स्थिर रहता है, पाँव नहीं ।
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