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जीने का उसूल
चट्टान
चट्टान रास्ते की रुकावट नहीं, वरन् पार किए जाने वाले रास्ते की कसौटी होती है।
चरण-स्पर्श
भगवान् के चरणों का स्पर्श मिलता हो, तो योगीजन मुक्ति को भी ठुकरा देंगे।
चरित्र
चरित्र-रहित जीवन मृत है, चरित्र जीवन का अमृत है।
चरैवेति
पंख के अभाव में हम पक्षी की तरह आकाश में तो नहीं उड़ सकते, लेकिन अपने पाँवों से चलकर शिखर की ऊँचाइयों को तो छू ही सकते हैं।
चिकनी-चुपड़ी
चिकनी-चुपड़ी बातें सुनने में अच्छी लगती हैं, पर प्रभाव तो उन बातों का पड़ता है, जो भीतर की गहराई से नि:सृत होती हैं।
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