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उपकेश गच्छ
२३५ उपोद्घातकारिकाओं के
टीकाकार ?] कक्कसूरि [जिनचैत्यवंदनविधि एवं
| पंचप्रमाण के रचयिता]
। [वि०सं० १०७८ प्रतिमालेख] सिद्धसूरि
देवगुप्तसूरि
सिद्धसूरि [वि०सं० ११९२/ई. सन् ११३६ में क्षेत्रसमासवृत्ति
के रचयिता] [वि०सं० १२०३ प्रतिमालेख]
यशोदेव उपाध्याय पूर्वनाम धनदेव [वि०सं० ११६५/ई. सन् ११०९ में
नवपदप्ररणबृहद्वृत्ति एवं वि०सं० ११७८/ई. सन् ११२१ में
चन्द्रप्रभचरित के
रचयिता]
कक्कसूरि [चौलुक्यनरेश कुमारपाल वि०सं०
११९९-१२३०] के समकालीन [वि०सं० ११७२-१२१२ प्रतिमालेख]
कक्कसूरि [वि०सं० १३१५-१३४५] प्रतिमालेख देवगुप्तसूरि [वि०सं० १३४७] प्रतिमालेख
सिद्धसूरि [वि०सं० १३८५] प्रतिमालेख
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