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धर्मघोषगच्छ
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देवसेनसूरि
पृथ्वीचन्द्रसूरि (कल्पसूत्रटिप्पनक के कर्ता) उक्त प्रशस्तियों के आधार पर धर्मघोषगच्छीय आचार्यों की जो गुर्वावली निर्मित होती है, वह इस प्रकार है -
शीलभद्रसूरि
वादीन्द्र धर्मघोषसूरि
देवप्रभसूरि
यशोभद्रसूरि (आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण एवं
गद्यगोदावरी के कर्ता
रविप्रभसूरि (धर्मघोषसूरिस्तुति
के रचनाकार)
देवसेनसूरि प्रद्युम्नसूरि (विचारसारविवरण
के कर्ता)
उदयप्रभसूरि
पृथ्वीचन्द्रसूरि (प्रवचनसारोद्धार की (कल्पसूत्रटिप्पनक विषमपद व्याख्या के रचनाकार के कर्ता)
प्रो० एम० ए० ढांकी ने तारङ्गा के वि० सं० १३०४-१३०५; करेड़ा के वि० सं० १३३९; शत्रुञ्जय के वि० सं० १३४३ एवं आबू के वि० सं० १३९६ के प्रतिमा लेखों में उल्लिखित आचार्यों की नामावली के आधार पर धर्मघोषगच्छीय आचार्यों की एक तालिका तैयार की है जो इस प्रकार है – तालिका-२
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