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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
अभयदेवसूरि
प्रसन्नचन्द्रसूरि
मुनिरत्नसूरि
श्रीचन्द्रसूरि
यशोदेवसूरि
देवेन्द्रसूरि (वि० सं० १२९८/ई. सन् १२४२ में
उपमितिभवप्रपंचकथासारोद्धार के रचनाकार) ६. पार्श्वनाथचरित - यह चन्द्रगच्छीय रविप्रभसूरि के शिष्य विनयचन्द्रसूरि की कृति है। यह ६ सर्गों में विभाजित है, इसमें ४९८५ श्लोक हैं। रचना के अन्त में प्रशस्ति के अन्तर्गत रचनाकार ने अपनी गुरु-परम्परा दी है, जो इस प्रकार है :
शीलगुणसूरि
मानतुंगसूरि
रविप्रभसूरि
नरसिंहसूरि
नरेन्द्रप्रभसूरि विनयचन्द्रसूरि
(पार्श्वनाथचरित के रचनाकार)
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