________________
थारापद्रगच्छ
५३१
वादिवेताल शांतिसूरि (वि० सं० १०९६/ ई०
सन् १०४०में स्वर्गवास) उत्तराध्ययनसूत्रपाइयटीका, बृहदशान्तिस्तव, जीवविचारप्रकरण, चैत्यवन्दनमहाभाष्य आदि
के कर्ता (सर्वदेवसूरि)
(विजयसिंहसूरि)
(शांतिसूरि)
(सर्वदेवसूरि)
(विजयसिंहसूरि)
शांतिसूरि
(सर्वदेवसूरि)
(इनके अनुयायी श्रावक यशश्चन्द्र ने वि० सं० १२५९ । ई० सन् १२०३ में पार्श्वनाथ की धातु प्रतिमा बनवायी) (वि० सं० १२८८/ ई० सन् १२३२) प्रतिमालेख (महामात्य वस्तुपाल द्वारा वि० सं० १२९८/ ई०सन् १२४२ में शत्रुञ्जयमहातीर्थ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org