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चन्द्र गच्छ
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बुद्धिसागरसूरि
प्रद्युम्नसूरि
देवचन्द्रसूरि
पूर्णचन्द्रसूरि
मानदेवसूरि (द्वितीय) मानतुंगसूरि (द्वितीय)
पद्मदेवसूरि (वि० सं० १२९२ / ईस्वी सन् १२३६ में लिखी
गयी योगशास्त्रवृत्ति की दाताप्रशस्ति में उल्लिखित) २. आवश्यकसूत्र की पुस्तक प्रशस्ति - चन्द्रगच्छीय यशश्चन्द्रसूरि की प्रेरणा से वि० सं० १२९२/ ई० सन् १२३६ में एक श्रावक द्वारा लिपिबद्ध करायी गयी आवश्यकसूत्र की प्रतिलिपि की प्रशस्ति में चंद्रगच्छीय उक्त आचार्य की गुरु-परम्परा दी गयी है, जो इस प्रकार है :
वर्धमानसूरि
गुणरत्नसूरि
देवसूरि
यशश्चन्द्रसूरि
(इनकी प्रेरणा से वि० सं० १२९२/ई. सन् १२३६ में
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