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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास १२. नाहटा, पूर्वोक्त, लेखांक ६६१. १३. मोहनलाल दलीचन्द देसाई - जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, पृ० ४६८.
श्री देसाईने विक्रमचरित की "रायल एशियाटिक सोसायटी- बाम्बे ब्रांच" में संरक्षित प्रति को वि० सं० १४८२/१४२६ ई. में लिपिबद्ध बतलाया है। श्री अगरचन्द नाहटा ने भी विक्रम स्मृति ग्रन्थ (उज्जैन, वि० सं० २००१) में प्रकाशित अपने लेख "विक्रमादित्य संबंधी जैन साहित्य" में श्री देसाई का ही अनुसरण किया है; जब कि श्री हरि दामोदर वेलणकर ने स्वसम्पादित जिनरत्नकोश (पृष्ठ ३४९-३५०) में उक्त प्रति को वि० सं० १४९२ में लिखा गया बतलाया है, जो प्रमाणिक है क्यों कि राणा कुम्भकर्ण का शासन वि० सं० १४८९ /१४३३ ई० में प्रारम्भ हुआ था।
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