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खंडिल गच्छ
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पार्श्वनाथचरित की प्रशस्ति' में इस गच्छ के आचार्यों की लम्बी
गुर्वावली पायी जाती है, जो इस प्रकार है
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यशोभद्रसूरि
भावदेवसूरि
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विजयसिंहसूरि I
वीरसूरि
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जिनदेवसूरि
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भावदेवसूरि
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विजयसिंहसूरि
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वीरसूरि
भावदेवसूरि (वि० सं० १४१२ में पार्श्वनाथचरित के रचनाकार)
भक्तामरटीका के रचनाकार शांतिसूरि ने अपनी रचना की प्रशस्ति के अन्त में अपने गच्छ का नाम तो स्पष्ट रूप से दिया है, किन्तु अपनी गुरु- परम्परा और समय आदि की कोई चर्चा नहीं की हैं ।
T जिनदेवसूरि
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