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जैन कान्फरन्स इरैल्ड.
[ जून
संख्या शीघ्रही अधिकतर वृद्धिको प्राप्त होनेवाली दृष्टिगोचर होती है. किन्तु अब इस कार्यमें आर्थिक सहायता की अत्यन्त आवश्यकता है, क्यों कि जितना खर्च इससमय है उसके निर्वाह के हेतु थोडेही दिनों में ध्रुव कोष से ११६ ॥ लिये गए हैं. भविष्यतमें जबकि एकदो मास केही अनन्तर खर्च की वृद्धि होनेवाली है तो उससे पहिलेही इसकी आर्थिकदशा अच्छी होजाना कामदायक है. इसी कारण समस्त जैनी भाइयों और कान्फ्रेन्सकी सेवामें अपील किई गई है. माशा है कि हमारे जैनीभाई इस कार्यमें अवश्य सहायक होकर अपनी उदाता और अपने स्नेहका परिचय देंगे और हमारे उत्साहको बढावेंगे.
जैनियोंका एस
घींसीलाल
मन्त्री जैनागम पाठश
अवायल उमरकी शादीकी खराबीयां.
मजमून जेलको " हरैल्ड " में जगह दीजिये !
छा
- जयपुर.
हमदर्दानकोम व खैरखुवाहानकोम, आप साहेबोंसे मेरी प्रार्थना है आप अपने कीमती वकतका कुछ हिस्सा मुजको दान देकर सितूर जेनका मुलाहजा करमाकर खयाल कीजियेगा के अवायल उमरकी शादी से क्या क्या खराबीयां पैदा होती है और उनका इन्सदाद किस तरहसे होना मुमकिन है !
अवाल उमरकी शादीका रिवाज पहले नहि था. जबसे भरबके नेवाले फतह ब ब सरतके डंके बजाते हुवे, हिन्दुस्तानमें दाखिल हुबे और उनकी बेण्या न दराजीयों या उनकी जरूरतौने हिन्दकी स्त्रियोंपर कबजा करना चाहा तो उस वके रिफारमरोंको गंग बनामूसके खयालसे बचपनमेंही लडकीयोंकी शादी करना वाजिब याके वह इस वरीयेसे इसलामी लशकरीयोंके दस्ततसरूफसे महफूज रहें, इसलीयेके जब लशकरीयोंकी किसी ओरतकी निस्बत यह मालुम हो जाताथा के इसका विवाह हो गया है, जो गो उनकी हकूमतका दोर दौराया मगर वह किसीके मजहबी रसममे बेच्या मदाखला और किसीपर खबर नहीं करना चाहतेथे. हमारे रिफारमरोंकी यह हिकमत चल गई और इसका रिवाज बडे मोर शोर के साथ फेलना शुरू होगया. गो फिर थोडे जमानेहीके
ऊनको इस
उठाकर भी देखें.
ये उम्दायी,
अमरकी जरूरत बाकी न रही के वह गेरमजहूंबकी स्त्रियोंकी तरफ आंख लेकिन आज कल हमारे भाई यह नही सोचते के यह रसम उसी वक्त जमाने हालमें क्या बरूर है के हम आजादीकी हालतमेंमी इस रसमको रायन.