Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference
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श्री लालबाग जैन बोर्डीगनो आज दिवस सुधीनो रीपोर्ट
श्री लालबाग जैन बोडींगने मर्हम शेठ फकीरचंद प्रेमचंद जे. पी. ना हाथथी स्थपाये लगभग बे वर्ष थयां छे ते टुक मुदतमां शं हकीकत बनेल छे तेनो टुंक हेवाल नीचे
मुजब छे.
___ आ बोर्डीग ज्यारे स्थापवामां आवी त्यारे मात्र पांच विद्यार्थीओ तेनो लाभ लेता हता पण टुंक मुदतमां दस बार विद्यार्थीओ आव्या. अने रफते रफते छ मासनी अंदर विद्यार्थीओनी संख्या एटली बधी वधी गइ के रहेवाने पुरती जग्या न रही तो पण तेमने नासीपास न करवा उत्तम जाणी अगवड भोगवी चलावी लीधुं. रहेवा वास्ते ओरडीओ घणीज ओछी छे तो पण एक एक आनी ओरडीमां त्रण त्रण बल्के चार चार पण विद्यार्थीओ रथा, अने हज पण ते प्रमाणे चाले छे. ओरडीओ शिवायनी तमाम जातनी सगवड सारी छे, तेथी करीने घणे दुरथी जैन. विद्यार्थिओ अहीं आववानी जिज्ञासा बतावे छे.
आ बोर्डीगमां नीचे प्रमाणे सगवड करवामां आवेल छे अने जेम जेम वखत वीततो जाय छे, तेम तेम सुधारो वधारो थतो जाय छे. दरेक विद्यार्थीने टेबल, खुरशी, ग्वाटलो, बीछार्नु लेम्प विगेरे जोइती वस्तु मळे छे. वधारे सगवड वास्ते नोकरो पण राखवामां आवेल छे. उपरनी केटलीक वस्तु जेची के फरनीचर विगेरे झवेरी जीवणचंद लल्लुभाई तरफथी पुरी पाडवामां आवेल छे. अने ते बारते तेओ साहेबे रु. ५०० पांचसोनी मोटी रकम आज सुधीमां आपेली छे. तथा शेठ टोकरसी शामजी जे. पी. तरफथी बे काठला ( बोरा ) रुना मल्या. हता. तथा शेठ भीमजी शामजी तरफयी रु मण एक तथा शेठ हीरजी नेणशी तरकथी तेमज शेठ अमरतलाल केवलदास तरफथी रु मण एक एक मळेल छे. तेमज शेठ देवकरण मुलजी तरफथी गादलां वास्ते रु. ६ ) ना ताका २ बे तेमज शेठ अनोपचंद मलुकचंद तरफथी रु. १० दश मळेल छे. उपर जणावेला सर्व गृहस्थोना अंतःकरणथी अमो आभारी छोये. बाकीनी जोइती दरके चीजो कोन्फरन्स तरकथी पुरी पाडवामां आवेल छे. डाइरेकट सुपरवीझन ओ० सुपरीन्टेन्डटथी करवानां आवे छे अने जेम बने तेम सारी सगवड रखाय छे. तो पण रहेवानी
ओरडीओ पुरती नहिं होवाने लोवे बहुज अगवड भोगववी पडे छे. पण विद्यार्थीओना तेमज जैन कोमना सारा नसीधे, सांभळवा प्रमाणे मानवंता शेठ गोकल भाइ मुलचंदे एक सारी बोडींग बंधाववा वास्ते रु. ७५००० पाणों लाखनी उदार सखावत करी छे. तो ते सखी गृहस्थनो उपकार मानी तेमने तथा लागता बळगताओने विद्यार्थीओनी नम्र विनती छे के जेम बने तेम जलदीथी उपली रकमनी योग्य व्यवस्था करशो. आ संबंधमां अमारे जगावg जोइर

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