Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference

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Page 477
________________ (४७) श्री जीर्ण पुस्तकोद्धार खातुंः । १३८५८-१५-० श्री जणसे पुरांत ३४२६-- ८-० श्री पुरतकोद्धार फंड खाते वसुल आव्या ते १७२८५-७-० २-६-० श्री लंग्नथी एकाउन्ट ऑफ धी जैन ऑफ ईडीया नामनी चोपड़ी मंगावी तेना आप्या ते ०-६-० श्री गाम पालेजवाळा शेठ मुळचंद सरुपचंद तरफथी पुस्तको भरवा सारु पीतळनो डबो नं. १) भेट आ व्यो तेना रेलवे पारसलना आप्या ते ५-३-६ श्री जेसलमेरना पुस्तक भं डारनां पुस्तकोनी टीप आवी तेनी नकल उतारवा सारु बुको नं. ४ लाव्या तेना खर्चना २८-६-९ श्री जेसलमेरनां पुस्त कोनी टीपनी नकल उतारवा सारु नोकरो राखेला तेमना पगारना आ प्या ते खर्चना १२२०--०-० श्री जयपुर ऑफीस खा तेथी जेसलमेरना भंडारना पुस्तकोद्धारमा खर्च थंयु ते नीचे मुजब :९००-०-० पंडीत हीरा लाल हंसराजने मास १२ नां पगारनां दा.

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