Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference
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नीझाम हैद्राबाद-शेठ सरदारमल सुगनमल. पुना-शेठ नानचंद भगवानदास. मुरत-शेठ चुनीलाल छगनचंद . बालापुर-शेठ होसीलालजी पानाचंदजी.
लाहोर-बाव जसवंतरायजी जैनी. गंपोर्टवाला वर्प दरमायान नामवामां आवेला तथा नीचे जणावला प्रथम वर्ष दरमायान नीमायेला प्रो. सेक्रेटरीओमांना घणाग्वगओए पोताना प्रांतमां सारी रीते काम कर्यु हतुं ते माटे तमनो उपकार मानीए छीए.
रजपुताना-रायबहादुर शोभागमल जी ढहा. अमदावाद -मी हागचंद ककलभाई तथा मी भगुभाई फतहचंद कारभारा. भावनगर-शेट कुंवर जी आणंदी.
एकला-शेठ दामोदर बापुसा. • मालेगाय-मी बाटनंद हीगचंद,
रतलाम-छोट चांदमन्ट जी पटवा. भरुच-डोट अनुपचंद मन्टकचंद.
रांपोर्टवाळा वर्ष दग्मीयान आमलनेर अन पंथापुर खाते प्रांतीक कान्फरन्सा.
दक्षीणनी अने उत्तर गुजरातनी प्रांतीक कोन्फरन्मो भरवामां आवी .हती. अने जने लगता तवीस्तर रांपोटों आ ओफीस तरफथी नकलता श्री जैन श्वेताम्बर कोन्फरन्स हेल्डमां प्रगट करवामां आव्या छे. आवी रीते प्रांर्ताक कोन्करन्सी मलवाथी केटला बधा फायदाओ थाय छे तेथी आपणे सघळा जाणीता छीर एटले ते संबंधमां कोई विशेष कहेवानी जरूर नथी, परंतु एटलीज सुचना बस थई पडशे के, तेवीज रीते अन्य प्रांतोमां पण तेवी सभाओ भरवामां आवे तो कोन्फरन्सना हेतुओ विशेष जलदीथी पार पडवा संनत्र छे. आ संबंधमां काठीयावाड, मध्य प्रांत अने पंजाबमा प्रांतीक कोन्फरन्सो भरवानी हालचाल थती जाणी खुशी थईए छीए अने अमने आशा छे के ते प्रांतना भाईओ जरूर पोताना प्रांतमां आवी सभाओं मेळवी महासभानां कार्यने टेको आपशे.

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