Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference

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Page 446
________________ हानी उपर प्रमाणे कार्य एक वर्पथी पण टुंकी मुदतमां अने ते पण सरेरास एक गामे एक रुपीआना खर्चथी करवामां आव्युं छे, जे कोई पण रीते वधारे कही शकाय नहीं. आवी रीते ओछा खर्चथी अने थोडा वखतमा आ जे कार्य करी शकायुं छे ते वे कारणोने आभारी ले:----- (१) जुदा जुदा स्थटोमां तेने अंगे उप्तन्न थयेलो उत्साह अने (२) काठीयावाड, कडी अने वडोदरा प्रतिमा तन अने मनथी काम करवा नीकलेला लागणीवाळा वोलंटीयरो तथा जुज. पगार लईने काम करनारा वलावो. जे जे गृहस्थोए स्परवाईइ.रो तरीके तथा वोलंटीयरो तरीके आ संबंधमां मदद करी छ तेनो स्वीत्तर रीपोर्ट हवे पछी आपवामां आवशे तो पण आ तके तेओ सघळाओनो अतःकरण पुर्वक आभार मानीए छीए. आखा ही दुरतानन बाकी रहेलु काम चालु वर्षमा पुरु करी शकाशे एम आशा रहे छे, अने ते माटे समग्र श्री संघनी दाल सोजी अने मददनी आशा राख्वामां आवे छे. सविाय आ ओफीस तरफथी प्रवास करता ऊपदेशक मी० पा. टोकरसी नेणसीए णे टेकाणे भापणो करीने हानीकारक रीवाजो बंध करवा रबंधी टरावो कराव्या हता, तेमज व्यवहारीक अने धाकि वे तकणी आपवा सारु पाठशाळाओ स्थापन करावी हत्ती जे दिपेनो तेमनो प्रवासनो रीपोर्ट आ ओफीस तरफी प्रसीद्ध थता मास कमां दख्तो दर.त प्रगट एल छे, तेथी अत्रे पुनरावर्तन करवानी जरुर जोता नथी. आ उपरांत रीपोर्टवाळा वर्ष दरमीयान वडोदरा खाते भराएली बीजी जैन कोन्फरन्सर्नु तथा पेथापुर अने आमलनेर खाते भराएली प्रोन्शिीयल कोन्फरन्सोनुं मुंबईचें कामकाज आ आफीस तरफ.थी करवामां आव्युं हतुं. वळी मुंबईमां भराएली बीजी जैन श्वेताम्बर कोन्फरन्सनो पिोर्ट पण तैयार करी छपावीने आ ऑफीसे प्रगट कर्यो हतो, तेमज फागण मासमां श्री अंतरीक्षजी मुकामे भराएली जैन जनरल कोन्ग्रेसमां आ ऑफीस तरफथी आसस्टिंट सेक्रेटरीने त्यां थनारु कामकाज जोवा माटे मोकली आपवामां आव्या हता. सीवाय हेड ओफीस तरीके नाणांनी व्यवस्था तथा देशना जुदा जुदा भागेमाथी आवता पत्र व्यवहार उपर ध्यान आपवा उपरांत अमदावाद, जेपुर, अने कलकत्ता ओपीसो तरफनु अत्रेनुं कामकाज पण बजाववामां आव्युं हतु. ____ मुंबई ता० ७---.२. १९०६. वीरचंद दीपचंद. . रेसीडंट जनरल सेक्रेटरी,

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