Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference

View full book text
Previous | Next

Page 431
________________ श्री जैन श्वेताम्बर कोन्फरन्सनो मंवत १:११नी मालनी रीपोर्ट. फरफार. संवत १९६० मुधीनो सपोर्ट प्रगट कर्या बाद गया कारतक जनरल संकटरी अने कार्य व्यवस्थामा मासमां वडोदरा खाते त्रीजी जैन श्वेताम्बर कोन्फरन्सना मेलावडा करवामां आवेलो वखते जनरल सेक्रेटरीओनी कार्य व्यवस्थामां काईक फेरफार करवामां आव्यो हतो. त्यां सुधी प्रथम एटले सने १९०४ ना जानेवारी मासमां प्रगंट करवामां आवेली योजना मुजब जुदा जुदा जनरल सेक्रेटरओिने जुदा जुदा कार्यों सोंपवामां आवेलां परंतु ते गोठवणथी कार्य करवामां कांईक अगवडता अनुभववामां आववाथी वडोदरा खाते जनरल सेक्रेटरीओनी मीटींगमा दरेक जनरल सेक्रेटरीने पोताना प्रांतमांनां दरक कार्यों संभाळवानी मत्ता आपवामां आवी, अने ते प्रमाणे जुदा जुदा जनरल सेक्रेटरीओनी मंजुरी अने अभिप्रायो मंगाववामां जे काळ व्यतीत थतो हतो ते दुर करी, दरेक जनरल सेक्रेटरीने पोताना विभागमां स्वतंत्र रीते कार्य करवानुं सोंपवामां आव्युं. नाणा संबंधी मुंबईमा भराएली कोन्फरन्स वखते थयेली टीपनां तथा ते शीवायनी व्यवस्था. . भरायेली रकमोनां नाणां मुंबई बैंकमां एमने एम वगर व्याजुकां पड़ी रहेतां होबाथी, नीचे प्रमाणे वग्वते ते नाणानी चार जनरल सेक्रेटरीओना नामथी सरकारी प्रोमसिरी नोटो लेवामां आवी हती, अने ते नोटो मुंबईमां श्री शांतीनाथजीना देरासरजीनी त्रीजोरीभां मुकवामां आवी हती. रु. १०००० नी नोटो खरीद करी ता. १८-१-१९०५. रु. ५०००० " , " १०-५-१९०९.

Loading...

Page Navigation
1 ... 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494