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१९४ श्री मारवाड प्राणितक कमेन्फरन्स की संक्षिप्त रीपोर्ट. दो
(४) जैन लाईब्रेरीयोंकी. स्थापना,
(५) हुनर और कलाकौशलकी शिक्षादरख्वास्त करनारः--लखमीचंदजी ढवा-जयपुर ताईद करनारः--गुलाबचंदजी ढढा-जयपुर
अनुमोदन करनार:--लखमसी टोकरसी-वागड (कच्छ) ठहराव तीसराः
निराश्रिताश्रय. दरखुवास्त करनार-टोकरसी नेणसी-बम्बई
ता. क. डाकटर नगीनदासजी-नागोर अ. क; ..
गणेश मलजी सराफ-जोधपुर
गुलाबचंदजी ढढ्ढा-जयपुर ठहराव चवथा.
सुकृत भंडार.
टोकरसी नेणसी–बम्बई ता. क.. डाकटर नगीनदासजी-नागोर
अ. क. गुलाबचंदजी ढढ्ढा-जयपुर यह चारों ठहराव सर्वानुमत पास हुवे सभाका जलसा करीव ११ बजे रातको बरखास्त हुवा. सभाकी बैठक दूसरी मिति आसोज वुदि १० तारीख १३ सेपटम्वर सन १९०६ ई.
आजभी सभाका काम ठीक ७ बजे शामको शुरू हुवा. आज अलावा सभासदोंके यात्रियोंकी संख्या औरभी जियादा होगई थी और बहूत दूरतक मर्दो औरतोंकी धूमधाम देखनेमें आती थी कोनफरेन्सके जनरल सैकरेटेरी सेठ लालभाई दलपतभाईके मत्यानुसार इस जगह कुरसीयोंकी बैठक नहीं रखी गई थी बल्कि जाजम, दरी और चान्दनीकी बैठक करनेमें आईथी.
सभाका काम प्रमुख साहबके पधारनेपर ठीक ७ बजे शुरू किया गया और रातके ११॥ वजे खत्म किया गया.
नीचे लिखे हुवे ठहराव पास हुवे:ठहराव पांचवां--
जैन डायरेकटरीकी आवश्यकताःद. क. गुलाबचंदजी ढढ्ढा-जयपुर ता. क. धनराजजी कांसटीया-अजमेर
अ. क. हीरालालजी सूराणा-सोजत ठहराव छट्टा
जीर्णगुस्तकोद्धार. द. क. यति श्री पालचन्द्रजी--बीकानेर