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अनेकान्त 60/1-2
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है उसे भाषाविज्ञान कहते है। यह शब्द दो शब्दों के संयोग से बना हैभाषा एव विज्ञान। जहां भाषा मानव-विकास में सहायक रही हैं, हमारे पूर्व पुरुषों के सारे अनुभव हमें भाषा के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार “विभिन्न अर्थों में सांकेतिक शब्द समूह ही भाषा है, जिसके द्वारा हम अपने मनोभाव दूसरों के प्रति सरलता से प्रकट करते हैं।" विज्ञान शब्द का अर्थ है- विशिष्ट ज्ञान । अर्थात् किसी वस्तु का विशेष ज्ञान। ज्ञान एवं विज्ञान में भी अंतर है किसी वस्तु का प्रथम दृष्टि में ज्ञान होना ज्ञान है और किसी वस्तु के बारे में सम्पूर्ण जानकारी विज्ञान कहलाता है। इस प्रकार जिस शास्त्र विधा में भाषा का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त होता है वह शास्त्र भाषा-विज्ञान कहलाता है। इस प्रकार भाषा विज्ञान उस विज्ञान को कहते है, जिसमें मानवप्रयुक्त व्यक्त वाक का पूर्णतया वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है।
भाषा विज्ञान की दृष्टि में भाषा के संदर्भ में कहा गया है कि जिन यादृच्छिक तथा विभिन्न अर्थों में रूढ ध्वनि-संकेतों के द्वारा मनुष्य अपने भाव-विचार को अभिव्यक्त करता है, उन्हे भाषा कहते है।
An Introduction to Camparative Philology में भाषा को परिभापित करते हुए कहा गया है कि language in its widest sense means the sum total of such signs of our thoughts and feelings as are capable of external perception and as could be produced and repeated at will अर्थात्-अपने व्यापक रूप में भाषा का अर्थ है-हमारे विचारों और मनोभावों को व्यक्त करने वाले ऐसे संकेतो का कुल योग, जो देखे या सुने जा सकें और इच्छानुसार उत्पन्न किये एवं दोहराए जा सके। __Speech and language में A.H. Gaediner भाषा को परिभाषित करते हुए लिखते है। The common definition of speech is the use of artiecelate sound symbols for the expression of thought 2014 मन्दर कृत अनुवाद अनुसार विचार की अभिव्यक्ति के लिए व्यक्त धन-संकेतों के व्यवहार को भाषा कहते है।'