Book Title: Anekant 2007 Book 60 Ank 01 to 04
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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अनेकान्त 60/4
(1) मूलाचार, गाथा 2-3
(2) ‘उत्तरगुणानां कारणत्वान्मूलगुणव्यपदेशो व्रतेषु वर्तते ।' भगवती आराधना, विजयोदया टीका
( 3 ) मूलाचार, गाथा 4-9
(4) 'सम्यगिति ः समितिरिति । - तत्त्वार्थवार्तिक 9/2
( 5 ) 'प्राणिपीडापरिहारार्थं सम्यगदनं समितिः ।'
( 6 ) मूलाचार, गाथा 4
9
( 7 ) वही, गाथा 16 15
( 8 ) मनुस्मृति, द्वितीय अध्याय 88
( 9 )
मूलाचार, गाथा 881
( 10 ) वही, गाथा 882
( 11 ) वही, गाथा 515
( 12 ) नियमसार, 141
(13) मूलाचार, गाथा 22, 516
( 14 ) वही, गाथा 23
28
( 15 ) वही, गाथा 29
35
( 16 ) वही, गाथा 36
(17) सर्वार्थसिद्धि, 2/30
(18) भूलाचार, गाथा 478 481
( 19 ) वही, गाथा 485,490
( 20 ) वही, गाथा 491,
( 21 ) मूलाचार की 493 की आचारवृत्ति टीका
( 22 ) मूलाचार, गाथा 439
( 23 ) वही, गाथा 799 800
( 24 ) भगवती आराधना, 148
( 25 ) मूलाचार, गाथा 806
( 26 ) वही, गाथा 304 306
( 27 ) वही, गाथा 147, 149 154 (28) पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, 44
( 29 ) दिशाबोध, अक्टूबर 07, पृ. 6
(30) वही, पृष्ठ 7
8,
(31) वही, पृष्ठ 22
23
सर्वार्थसिद्धि 9/2
13
डॉ. जयकुमार जैन

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