Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र १७. संपराइयं णं भंते ! कम्मं किं नेरइयो बंधइ, तिरिक्खजोणीओं बंधइ, जाव देवी बंधइ ?
गोयमा ! नेरइओ वि बंधइ, तिरिक्खजोणीओ वि बंधइ, तिरिक्खजोणिणी वि बंधइ, मणुस्सो वि बंधइ, मणुस्सी वि बंधइ, देवो वि बंधइ, देवी वि बंधइ।
[१७ प्र.] भगवन् ! साम्परायिक कर्म नैरयिक बांधता है, तिर्यञ्च बांधता है, तिर्यञ्च-स्त्री (मादा) बांधती है मनुष्य बांधता है, मनुष्य-स्त्री बांधती है, देव बांधता है या देवी बांधती है ?
[१७ उ.] गौतम ! नैरयिक भी बांधता है; तिर्यञ्च भी बांधता है, तिर्यञ्च-स्त्री (मादा) भी बांधती है, मनुष्य भी बांधता है, मानुषी भी बांधती है, देव भी बांधता है और देवी भी बांधती है।
१८.तं भंते ! किं इत्थी बंधइ, पुरिसो बंधइ, तहेव जाव नोइत्थी-नोपुरिसो-नो-नपुंसओ बंधइ ?
गोयमा ! इत्थी वि बंधइ, पुरिसो वि बंधइ, जाव नपुंसगो वि बंधइ। अहवेए य अवगयवेदो य बंधइ, अहवेए य अवगयवेया य बंधंति।
[१८ प्र.] भगवन् ! साम्परायिक कर्म क्या स्त्री बांधती है, पुरुष बांधता है, यावत् नोस्त्री-नोपुरुषनोनपुंसक बांधता है ?
[१८ उ.] गौतम ! स्त्री भी बांधती है, पुरुष भी बांधता है, नपुंसक भी बांधता है, अथवा बहुत स्त्रियाँ भी बांधती हैं, बहुत पुरुष भी बांधते हैं और बहुत नपुंसक भी बांधते हैं, अथवा ये सब और अवेदी एकजीव भी बांधता है, अथवा ये सब और बहुत अवेदी जीव भी बांधते हैं।
१९. जइ भंते ! अवगयवेदो य बंधइ अवगयवेदा य बंधति तं भंते ! किं इत्थीपच्छाकडो बंधइ, पुरिसपच्छाकडो?
एवं जहेव इरियावहियाबंधगस्स तहेव निरवसेसंजाव अहवा इत्थीपच्छाकडा य, पुरिसपच्छाकडा य, नपुंसगपच्छाकडा य बंधंति।
[१९ प्र.] भगवन् ! यदि वेदरहित एक जीव और वेदरहित बहुत जीव साम्परायिक कर्म बांधते हैं तो क्या स्त्रीपश्चात्कृत जीव बांधता है या पुरुषपश्चात्कृत जीव बांधता है ? इत्यादि प्रश्न (सू. १६ के अनुसार) पूर्ववत् कहना चाहिए।
__ [१९ उ.] गौतम ! जिस प्रकार ऐर्यापथिक कर्मबंधक के सम्बंध में छव्वीस भंग कहे हैं, उसी प्रकार यहाँ भी कहना चाहिए; यावत् (२६) बहुत स्त्रीपश्चात्कृत जीव, बहुत पुरुषपश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसकपश्चात्कृत जीव बांधते हैं; यहाँ तक कहना चाहिए।
२०. तं भंते ! किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ १; बंधी बंधइ न बंधिस्सइ २; बंधी न बंधइ, बंधिस्सइ ३; बंधी न बंधइ, न बंधिस्सइ ४ ? ___गोयमा!अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ १;अत्थेगतिए बंधी बंधइ, न बंधिस्सइ २; अत्थेगतिए बंधी न बंधइ, बंधिस्सइ ३; अत्यंगतिए बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ ४।