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XX
१६.
१७.
१८.
मूढ़तात्रय निरूपण १. लोकमूढ़ता का स्वरूप २. देवमूढ़ता का स्वरूप
३. गुरुमूढ़ता का स्वरूप
छह अनायतन का स्वरूप
१-२ कुदेव व तत्सेवक
३-४ कुशास्त व तत्पाठक
५-६ कुगुरु व तद्द्वन्दक अष्टमद निरूपण
२०.
१. विद्या (ज्ञान) का मद
२. प्रतिष्ठा का मद
३. कुल का मद
४. जाति का मद
५. बल का मद
६. धनसम्पत्ति का मद
७. सुन्दरता (शरीर) का अहंकार
८. तपस्या का मद
१९. सम्यग्दृष्टि सात भय से रहित है
१. लौकिक भय
२. पारलौकिक भय
३. शारीरिक वेदना का भय
४. मरण भय
५. अरक्षा भय
६. अगुप्ति भय
७. अकस्मात् भय
संवेगादि सम्यक्त्वी के अष्ट गुण
१. संवेग गुण २. निर्वेग या निर्वेद गुण
३. उपशम गुण
४. स्वनिन्दा गुण ५. स्वगर्हा गुण
६. अनुकम्पा गुण
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