Book Title: Rajvidya
Author(s): Balbramhachari Yogiraj
Publisher: Balbramhachari Yogiraj

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Page 19
________________ www. kobatirth.org ( ४ ) मालकी भाव के साथ ग्रामाधिपति मुकारेर करना उपरी राज्य की स्थिति है किउकी उन का मालकी भाव होने से वह प्रजा को अपनी समज कर उनके दुख मिटाने का सदा उपाय करता रहता है वरना वह प्रजा जन ग्राम छोड देवे इससे मालिक को नुकसान पोचता है और उसके साथ मे हानी पडती है परंत मालकी भावना न होने से ये खयाल हरगीज नही होता अब दुसरी तरफ ये बात इसकी उस को मालकी देने से वह सदा के लिये उसकी पीडीयों तक उपरी राज्य का सच्चा सामा तन मन और घन से सक्षर कटिव रहता है और यही उपरी राज्य की स्थिति है और उपरी राज्य जाप्रजा से सीधा फायदा चाहता है उस से अधिक वह क्षत्रिय अपने मालकी भावके साथ दे सकते है मसलन एक क्षत्रिय २५०००) की आय सालाना का ग्रामाधिपति है और यह अछीतरह पूरे पूरे सबुतों के साथ पकी जान CS Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private And Personal Use Only

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