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उपनयनिगमनका लक्षण | अनुमान के स्वार्थ और परार्थ
भेद तथा उनके लक्षण | तुके भेद प्रभेदों का सोदाहरण वर्णन ।
मीमांसित
आगमका लक्षण, कल्पित वेद अपौरुषेय
त्वका खंडन |
नामजाति गुण क्रिया आदि स्वरूप शब्दका अर्थ नहीं
है क्योंकि शब्द और
अर्थके संबंधका अभाव है फिर शब्द में प्राप्तप्रणीत पना होनेपर भी सत्यार्थ
ज्ञान किस प्रकार हो सकता है इस प्रकाकी शंकाका उत्तर तथा उसमें दृष्टान्त | बौद्ध अन्यापोह ज्ञानरूप आगमको प्रमाण मानता है तथा कोई अन्य प्रकार भी मानता है उन सबका निराकरण |
१४
पत्र.
११२
११३
उर्द्धता सामान्यका दृष्टान्त सहित लक्षण तथा विशेष विषयके भेद | पर्याय विशेषका उदाहरण ११५ सहित लक्षण |
व्यतिरेक विशेषका उदाहरण
१३३ | सहित लक्षण ।
१५०
१५१
चतुर्थ समुद्देश.
विषयका लक्षण तथा अन्य वा- १५७ दिकल्पित सत्ता प्रधान आदि विषयके लक्षणका खंडन । अनेकान्तात्म वस्तुके समर्थन के हेतु तथा समान्य विषयके भेद और तिर्यक् सामान्यका उदाहरण सहित लक्षण |
१७९
नाभासका लक्षण ।
तर्काभास, अनुमानाभास तथा अनुमान के अवयवाभासमें
पत्र.
१८०
१८१
पंचम समुद्देश.
फलका लक्षण तथा फलके भेद । १८७ छठ्ठा समुद्देश.
आभास सामान्यका लक्षण स्व- १९० रूपाभास सामान्यका लक्षण । प्रत्यक्षाभासका उदाहरण सहित १९५ लक्षण ।
परोक्षाभासका लक्षण, उदाहरण १९६
सहित स्मरणाभास, प्रत्यभिज्ञा
लक्षण ।
वालप्रयोगाभासका लक्षण ।
आगमाभासका उदाहरणसहित
१८५
१९७
पक्षाभासका लक्षण |
भेदसहित हेत्वाभासका लक्षण । २०० भेदपुरस्सर दृष्टान्ताभासका
२०५
२०७
२०९
लक्षण ।
संख्याभासका लक्षण सोदाहरण । २१० विषयाभास ।
२१२
फलाभास ।
२१४
नय तथा नयामास ।
२१७
२१८
मूलग्रंथकर्ता की प्रशस्ति । संस्कृतीका कर्ताकी प्रशस्ति । २१९ भाषाटीका कर्ताकी प्रशस्ति । २२१
इति ।