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संख्या भजन
२२५. आरसी देखत मन आर सी लागी
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२२६. कर सतसंगति रे भाई
२२७. काया ! तू चल संग हमारे २२८. काहे को सोचत अतिभारी २२९. कौन काम अब मैंने कीनो २३०. कौन काम अब मैंने कीनो
२३१. गलता नमता कब आवैगा
२३२. चाहत है सुख पै न गाहत है धर्म जीव
२३३. चेतन ! मान हमारी बतियाँ
२३४. चेत रे ! प्रानी! चेत रे
२३५. जग ठग मित्र न कोय वे
२३६. जीव । तैं
''मूढपना कित पायो
२३७. जीव ! तैं मेरी सार न जानी
२३८. जीवा ! शूं कहिये तनें भाई
२३९. जैन धरम धर जीयरा
२४० झूठा सपना यह संसार
२४१. त्यागो त्यागो मिथ्यात्तम
२४२. तू तो समझ समझ रे ! भाई
२४३. तेरो संजम बिन रे, नरभव निरफल जाय
२४४. दियें दान महा सुख पावै
२४५. दुरगति गमन निवारिये
२४६. धिक् धिक् जीवन समकित बिना
२४७. नहिं ऐसो जनम बारंबार
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