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सन्धान-कवि धनञ्जय की काव्य-चेतना __पाण्डवकथा- गंगा-तट पर वन में यादववंशी राजाओं द्वारा विश्रान्ति के लिये विहार करना। स्त्रियों द्वारा पुष्पावचय। नायक-नायिकाओं का जल-क्रीडा-वर्णन।
षोडश सर्ग
उभयसङ्ग्रामव्यावर्णनम् रामकथा-राम की सेना के लङ्का पहुँचने पर रावण युद्ध के लिये तत्पर तथा लङ्का के बाहर आगमन । विभीषण का राम से शरण माँगना । कुम्भकर्ण-वध । मारीच-पराजय । मेघनाद-वध । अक्षयकुमार-वध । राम-रावण-सेना का भयंकर युद्ध । रात्रि-आगमन पर युद्ध-विराम।
पाण्डवकथा श्रीकृष्ण की सेना का राजगृह पहुँचना । क्रोधाविष्ट जरासन्ध का युद्ध के लिये राजगृह से बाहर आना । दुर्योधन के एक सहयोगी सात्यकि का युधिष्ठिर से शरण माँगना। दुःशासन-वध। दुर्मर्षण-वध । कर्ण-पराजय । जयद्रथ-वध । भीष्म-हनन । पाण्डव-कौरव सेनाओं का घनघोर युद्ध । रात्रि के आगमन पर सेनाओं का शिविर-प्रवेश ।
सप्तदश सर्ग
रात्रिसम्भोगव्यावर्णनम् रामकथा युद्ध-भूमि में रावण का आगमन । बिना कवच क रावण का राम से युद्ध । शक्ति-प्रहार से लक्ष्मण मूर्छा । हनुमान द्वारा भरत को सूचित करना एवं द्रोणाचल से औषधि लाना । लक्ष्मण को चैतन्य-प्राप्ति से राम के युद्ध-शिविर में हर्ष की लहर । तदन्तर रात्रि-सम्भोग-वर्णन।
पाण्डवकथा-जरासन्ध का बिना कवच के युद्ध-भूमि में आगमन । श्रीकृष्ण-जरासन्ध युद्ध । श्रीकृष्ण की अशक्तता, पुन: संभलकर अर्जुन की रक्षा । श्रीकृष्ण द्वारा पाण्डवों का उत्साह-वर्धन । तदनन्तर रात्रि-सम्भोग-वर्णन।
अष्टादश सर्ग नायकाभ्युदयरावणजरासन्धवधव्यावर्णनम् रामकथा-रावण के मायावी युद्ध से राम की सेना में संत्रास । राम द्वारा रावण की माया का प्रतिकार । सुग्रीव की सतत कर्मठता से रावण की विजयाभिलाषा धूमिल । घनघोर-युद्ध में रावण-वध । सीता-राम-मिलन । विजय