Book Title: Dhananjay Ki Kavya Chetna
Author(s): Bishanswarup Rustagi
Publisher: Eastern Book Linkers

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Page 307
________________ शब्दानुक्रमणिका -कारकगूढ़-१८४ -क्रियागूढ़-१८४ -पादगूढ़-१८४-८५ - वस्तुगूढ़ - १८४ - सम्बन्धगूढ़ - १८४ -बन्ध चित्र-८७-८९, १७३, १८२ - द्विचतुष्कचक्रबन्ध-१८२ - द्विशृङ्गाटकबन्ध-१८२ - मुरज बन्ध- १५२, १८२-८४ - मुसल बन्ध-१८२ - विविडित बन्ध - १८२ - व्योमबन्ध- १८२ -शर ( यन्त्र) बन्ध- १८२-८४ - हल बन्ध- १८२ - वर्णचित्र - १६३-७४ - एक वर्ण चित्र - १७४-७५ - एकाक्षर - पादश्लोक - १७४ - चतुर्वर्ण चित्र - १७४ - त्रिवर्ण चित्र - १७४ - द्विवर्ण चित्र - १७४-७५ - द्वयक्षर- अर्धश्लोकी - १७४ - पादगत- द्विवर्ण चित्र - १७५ - स्थान चित्र - १७३ - स्वर चित्र - १७३ चित्रालंकारमूलक सन्धान-विधि - ८०, ८७ चिदम्बर-७१ चिह्नांकन- १०७ चूडाकरण - २५१, २५४ चोळ् कालानल- ४७ चोल वंश - २११ छन्द - २००-९, २७० छन्दोम्बुधि- ४८, ५४ छान्दोग्योपनिषत् - ९ जगती - २०६ जगतीपति-२२० जगतीभुज-२२० जगदेकमल्ल (चालुक्य राजा ) - ४५, ४७-४८, ५१, ५६ जगन्नाथ - ४०-४१ जटासिंहनन्दि-१८ जनार्दन- ४८ २८७ जन्न- ४८ जम्बू - २४० जम्बूचरित - १९ जम्बू द्वीप - ७२ जम्बूस्वामी ( अन्तिम केवली ) - २२ जम्बूस्वामीचरिउ - २१-२२ जयचन्द्र- २४ जयदेव - १५१ जयद्रथ (सजानक) - १८, २४, ७८, ८२ जयधवला (टीका) - ५२, ५४, ५७ जयन्तविजय - १९ जयन्तीपुरी - ४६, ५०, ९० जयमित्र हल्ल - २२ जयसिंह (चालुक्यराज) - ३९, ४७, ५१, ५६ जया - ६३ जरासंध-७४-७९, ८१-८२, ८८, १००, १०८, ११५-१८, १२१-२२, १४१-४२, १४५, १९१, २०२, २३२ जर्नल ऑफ बाम्बे ब्रांच रायल एशियाटिक सोसाइटी - - ४४, ५१ जलधरमाला - २०७ जलोद्धतगति-२०६

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