Book Title: Dhananjay Ki Kavya Chetna
Author(s): Bishanswarup Rustagi
Publisher: Eastern Book Linkers

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Page 318
________________ २९८ सन्धान-कवि धनञ्जय की काव्य-चेतना अव्यपेत-व्यपेत मध्य यमक-१५९ . यशोवर्मा-३५, २१२ चतुर्थपादगत अव्यपेत मध्य यमक- यष्टि-२३५ १६० यादवराघवीय-३९, ९१ चतुर्थ पादगत व्यपेत मध्य यमक- यादवाभ्युदय-१८ १६० युद्धनीति-२३२ तृतीय-चतुर्थ पादगत व्यपेत युधिष्ठिर-७२-७६, ७८-७९, ८१, ८७, मध्ययमक-१६१ ९९, १२२, १३९, १९४, २०४ तृतीय-चतुर्थ पादगत अव्यपेत युवराजदेव-५७ मध्य यमक-१६० रइघू-२९ तृतीय पादगत व्यपेत मध्य रक्कसगङ्ग-४८ यमक-१६० रघुवंश-१-२, २४, ३१-३२, ६३-६४, द्वितीय-चतुर्थ पादगत व्यपेत मध्य ६७, २२१, २६५ यमक-१६१ रति-१२४-३२, १३४ द्वितीय पादगत अव्यपेत मध्य रत्नकरण्डश्रावकाचार-५१ यमक-१६० रत्नत्रय (सम्यग्दर्शनज्ञानचारित्राणि)-५९, प्रथम-द्वितीय पादगत व्यपेत मध्य २५१, २५३ यमक-१६१ रत्नशेखर सूरि-४१ प्रथम पादगत अव्यपेत मध्य रत्नाकर-३४, ७० यमक-१५९ रथी-२३३ प्रथम पादगत व्यपेत मध्य रथोद्धता-२०६ यमक-१६० रविषेण-१४, २६८ व्यपेत मध्य यमक-१५९ रस-११३-१४, १२४, १३१, १४६-४७, -मध्यान्त यमक-१५६, १६६ १४९, १५१-५२, २००, २०३, २६५, अव्यपेत मध्यान्त यमक-१६६ २६९-७१ तृतीय पादगत व्यपेत मध्यान्त राघवन, वी०-७० यमक-१६६ राघवनैषधीय-४१, ९० व्यपेत मध्यान्त यमक-१६६ राघवपाण्डवयादवीय-३९, ७१ यमकमूलक सन्धान-विधि-८०, ८५ राघवपाण्डवीय-३८, ४४-४८, ५०-५२, यम-यमी सूक्त-६ ५४-५५,६२,६७,७१,८०,९०,९६, यवन-२१२ १०७, २१० यश:कीर्ति (भट्टारक)-२१ राघवपाण्डवीय परीक्षा-६३ यशस्तिलक-६० राघवपाण्डवीय प्रकाशिका-६३, ६७ यशोधरचरित-१९, ६०-६१, ६७, २६६

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