Book Title: Dhananjay Ki Kavya Chetna
Author(s): Bishanswarup Rustagi
Publisher: Eastern Book Linkers
View full book text
________________
सन्धान-कवि धनञ्जय की काव्य-चेतना
२९२ परिशिष्ट पर्व-१८ परिसंख्या-१९५ पलाश-२४२ पल्यकीर्ति-५२ पल्लव वंश-२११ पशुपालन-२३७-३८, २४२, २४६, २६४ पाटण-३७-३८ पाठक, के०बी०-४३-४७, ५९, ६७ पाणिनि-३१, ३६ पाण्डव-४९,७१-७९,८१,९२,९६-९७,
९९-१००, १०५, १०७, १४६, १९१,
१९७, २५६, २७१ पाण्डवचरित-१८ पाण्डु-६३-६४, ७२-७३, ८२, ९९,
१२२-२३, १४८, १८७, १९० पाण्डुकशिला-२५२ पादलिप्त-२८ पारजिटर (Pargiter)-९ पारिप्लव आख्यान-१३ पार्वती-३८, ७०, ९१ पार्वतीरुक्मिणीय-३८, ९१ पार्श्वनाथ-४१, ६० पार्श्वनाथचरित/य-२०, २६-२७, ५१,
५३, ५६, ५९ पार्श्वस्तव-४१ पार्श्वस्तवन-४१ पाल वंश-२११-१२ पासचरित-२१ पीपल-२४२ पुन्नाग-२४१ पुरुरवोर्वशी आख्यान-७ पुरुरवोर्वशी सूक्त-६
पुरुषार्थ-१११
-अर्थ-१११, २२३ -काम-१११, २२३ -धर्म-१११, २२३
-मोक्ष-१११, २२३, २५०, २५३ पुरुषोत्तम-७६, ८१ पुरोधा-२५१ पुष्पदन्त-१५, २० पुष्पिताग्रा-६०, २०३-४, २०८ पुष्यसेन शिष्य-६३, ६७ पूग (सुपारी)-२४१ पूजा-पद्धत्ति/विधान-२५०-५१, २६४ पूज्यपाद/देवनन्दि-५०-५१, ५३, ५५,
५८,६२ पृथ्वी-८७, २०३, २०७ पृथ्वीराजविजय-२४ पृथ्वीवल्लभ-४३ पैराडाइज़ लास्ट (Paradise Lost)-१५ पोंस्तवन-२५१ पौराणिक शैली के महाकाव्य-१७-२२,
२६, ४२, २६५ प्रकरण-समानता-८१ प्रजापति-८७, २१९ प्रतिज्ञा-गांगेय-३६ प्रतिबलदेव-१८ प्रतिसर्ग-१८ प्रतिहारेन्दुराज-१५१ प्रथमानुयोग-१४, १६ प्रधानमन्त्री-२२७ प्रभाचन्द्र-५३, ५७ प्रमिताक्षरा-२०७ प्रमुदितवदना-२०६

Page Navigation
1 ... 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328