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(क) विशद
जिन वर्ण्य-विषयों का विशद वर्णन द्विसन्धान-महाकाव्य में हुआ है, वे हैं - सूर्यास्त', सूर्योदय', चन्द्रोदय, रात्रि, सन्ध्या', षड्-ऋतु', पर्वत, अटवी', कानन', नगर १०, समुद्र ११, नदी १२, उद्यानविहार १३, सलिलक्रीडा १४, मधुपान १५, रतोत्सव१६, कुमारोत्पत्ति१७, मन्त्रणा १८, दूतप्रेषण १९, सेनाप्रयाण २०, आक्रमण २१, युद्ध १२ और नायकाभ्युदय २३ ।
१.
द्विस.,१७.२१-२३ वही, १७.८४-९०
२.
३.
वही, १७.३९-४०
४. वही, १७.४०-४८
५.
वही, १७.२५-३१
६.
वही, १२.७,१.१२-२४,७.३-१७
वही, ७.३२-३९
७.
८. वही, ७.३०-३२
९.
वही, ७.३७-३९
१०. वही, १.१० - ५०,८.२५-२९
११ . वही ८.२ - १८
१२. वही ४.४२,७.३३
१३. वही, १५.१-१६
१४. वही, १५.३३-५०
१५. वही, १७.५४-६०
१६. वही, १५.१८-३२
१७. वही, ३.११-१८,२८-३०
१८. वही, सर्ग ११
१९. वही, सर्ग १३ २०. वही, सर्ग १४
सन्धान- कवि धनञ्जय की काव्य-चेतना
२९. वही
२२. वही, सर्ग १६
२३. वही, १८९९ - १०५